मारूफ आलम 30 Mar 2023 ग़ज़ल समाजिक #darpan#aaina#gajal#hindi gajal 47399 0 Hindi :: हिंदी
ना मैं दर्पण हूँ ना ही तुम दर्पण हो ऐ दोस्त ना मै ईश्वर हूँ ना ही तुम अर्चन हो ऐ दोस्त प्यार वफ़ा इंसान और इंसानियत के प्रति ना मैं अर्पण हूँ ना ही तुम अर्पण हो ऐ दोस्त बैचेनियो के सब समुंदर मुझमें शांत हैं अब ना मैं तृप्त हूँ ना ही तुम तर्पण हो ऐ दोस्त आदम हव्वा से पैंदा हैं दुनियाँ के सब लोग ना मैं अछूत हूँ ना ही तुम सर्वण हो ऐ दोस्त भेद नही पाओगे आत्मा को बाणों से"आलम" ना मै रावण हूँ ना ही तुम सर्पण हो ऐ दोस्त मारूफ आलम