मारूफ आलम 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत #dagar#gajal#hindi gajal#maroof 45081 0 Hindi :: हिंदी
ना कुछ पाया ना कुछ खोया डगर मे ता उम्र चला दिवानों की तरह सफर मे मुड़कर उसने भी राहे सफर बांध लिया पलट कर जा चुका था मैं भी नगर मे छुपकर भी छुप ना सका कोई मुझसे हर एक राजदां अभी तक है नजर मे तूने हसद के जूनून मे पहचाना नही उसे तेरा खुदा मौजूद था हर एक बशर मे जहर को अगर सुकरात बनकर पी लो तो फिर तो मजा ही मजा है जहर मे मारूफ आलम