Phool Jahan 05 Jan 2024 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत प्यार इश्क़ और मोहब्बत 7311 0 Hindi :: हिंदी
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है ज़माने को अपनी चाहत में ढाल देना है इम्तिहा होगा मेरे इश्क़ का आखिर कब तक जुबा को बंद रखो आंखों से काम लेना है।। तेरे तो हुस्न के चर्चे हैं शहर में सारे तेरी चाहत में मुझे अपनी जान देना है जहां दीदार हो तेरे हर रोज़ मेरे हमदम उसी गली में मुझे अपना मकान लेना है।। मिले कोई रहगुज़र अगर मुझको भी उसके आगोश में खुद को संभाल लेना है में अपने प्यार को कुर्बान कर नहीं सकती मुझे बस नाम सुबह शाम तेरा तेरा है