Abdul Qadir 21 May 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत प्यार 10252 0 Hindi :: हिंदी
उनके खातिर गई सजाई सो कर खाक नहीं। मेरी नजर में अब तक कोई बशर खाक नहीं। वो ना होते कुछ नहीं होता ये सब जानते हैं। इसलिए अब तलक दुनिया दहर खाक नहीं। इस से सीखा है आशिकी का हुनर इसलिए शायद यही है बात की दीदो तर खाक नहीं। मैं दुनिया के मजे से उस मजे तक हूँ पहुंचा। सिखाते हैं ये सजरो हजर अब खाक नहीं।