ADARSHPANDEY 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत #writeradarshpandey #shayri #bestshayri #writeradarshpandeykishayri #googleshyari 22063 0 Hindi :: हिंदी
अब इश्क़ की गुलामी मंजूर नही है। अब इश्क़ का गुलाब अच्छा लगता है।। तन्हा होकर दूर रहु तो ख़्वाब अच्छा लगता है। पास होकर मिल न पाऊ तो तन्हा अच्छा लगता है।। इश्क़ की गर मानू तो घर छोड़ना पड़ता है। जब घर से दूर रहु तो आँगन सुना लगता है।। लेखक आदर्श पाण्डेय