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राणा प्रताप कुमार
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राणा प्रताप कुमार
राणा प्रताप कुमार
राणा प्रताप कुमार
@ rana-partap-kumar
, Uttar Pradesh
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कविता, -एक सलाम सबिंधान निर्माता को।
सलाम करे उस महापुरुष को। जीसने किया संविधान का निर्माण। अपने मेहनत एंव लग्न से। भारत में भर दिये नव प्राण। छुआ छूत भेदभाव मिटाकर।
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कविता, बुद्ध के विचार।
बुद्ध ने ना ही युद्ध किया। पर सबको दिल को जीता। अपने विचार एवं कर्मो से। वह विश्व के विजेता । दुख के निवारण के लिए। सत्य के खोज के लिए
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कविता, ममता से भरी तु माता हो।
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कविता, - राखी का त्यौहार।
आया राखी का त्यौहार। ये तो भाई बहन का प्यार। रंग विरंगे राखी लेकर। आयी बहना मेरे द्वार। कुम कुम का टिका है लगायी। साथ मे दही भी लगाय
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कविता, -चन्द्र नभ में मुस्कुराओ तु।
चन्द्र नभ में मुस्कुराओ न। अभी तो अंधेरा छाया। बादलो से निकलकर तु। रोशनी जगमगाओ न। बादलों में छिपकर के तु। लुक छिप खेल रहा। जुगनु
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कविता, - बेटी के विदाई।
बेटी इतना क्यो रो रही हो। मेरे दिल का दर्द बडा़ रही हो। खुशी से शादी करके तु । अपने ससुराल ही तो जा रही हो। अपने का साथ छोड कर। मोह माय
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कविता - झुम के आया सावन।
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कविता, आतंकवाद से लडे़।
हिंदू मुस्लिम ईसाई सरदार। खत्म करे देश का आतंकवाद। आतंकवाद मानवता का दुश्मन। इसे मिटाना हर नागरिक का कर्त्तव्य। आंतक का न मजहब है
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कविता, नम्र आँखो से तेरी विदाई।
नम्र आँखो से तेरी विदाई। तेरे शोक के लहरे छायी। भारत माँ के रक्षा करते हुए। तु अपना जान गवाये। मरते मरते तू मार गये। दुश्मन को तुम स
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कविता, ओ गलवान के वीर शहीद।
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