मोती लाल साहु 30 Mar 2023 आलेख समाजिक याद में गुज़र रहे हैं। 9910 0 Hindi :: हिंदी
ये याद में- रह के गुज़र रहे हैं, तेरे ही बाट जोहते-देखते मेरे ये दिन और रात नैना बरस रहे हैं ये- नैना तरस रहे हैं। अब तो आ जा हे मीत- मेरा जिया धड़क रहा है, ये याद में रह के गुज़र रहे हैं -मोती