उड़ रही है- हवा में तेरी यह मदमाती खुशबू, ले जाती उड़ाके यह दिल मेरा।। सूरज की सतरंगी किरण- में नहाई तुम्हारा यह मुखड़ा, बस गया अब इस मन के मंदिर में।। कोरा जो था- रंग गया अब महक में महक गया मैं।। कब का यह नाता था- छप गया तस्वीर दिल के दीवार में।। उड़ रही है- हवा में तेरी यह मदमाती खुशबू, ले जाती उड़ाके यह दिल मेरा।। -मोती