मोती लाल साहु 30 Mar 2023 आलेख समाजिक सत्य मेरे अंदर है, चेतना भी मेरे अंदर है। चेतना जागृत होकर जब सत्य के साथ मिलता है, तो आनंद का अनुभव होता है। यही पूर्णता है! यही सच्चिदानंद है! 9641 0 Hindi :: हिंदी
मनुष्य हूं-क्योंकि, साथ मन और ईश है! जीवित हूं-क्योंकि, साथ जीवनदाता है! चिंता मुक्त हूं-क्योंकि, साथ चिंताहरण है! आनंद में हूं-क्योंकि, साथ आनंदकंद है! उन्मुक्त हूं-क्योंकि, साथ मुक्तिदाता है! मैं पूर्ण हूं-क्योंकि साथ पूर्णता है! शांतिमय हूं-क्योंकि, साथ शांति दाता है! भाग्यशाली हूं-क्योंकि, साथ भाग्य विधाता है! सत्य आधारित हूं-क्योंकि, सच्चिदानंद! मेरे अंदर है!! मोती-