virendra kumar dewangan 02 Sep 2023 आलेख राजनितिक Political 6448 0 Hindi :: हिंदी
अभी विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस की खिचड़ी भली-भांति पकी नहीं है, उसमें नमक, तेल, मिर्च और मसाला पूरी तरह से डली नहीं है, लेकिन मुंबई बैठक के पूर्व उसको खानेवालों का तांता लग गया है। मुंबई बैठक के पूर्व इसमें शामिल 28 में-से 7 बड़ी पार्टियों के प्रवक्ताओं ने प्रधानमंत्री पद के लिए अपने-अपने नेताओं का नाम आगे कर दिया है। फिर चाहे गठबंधन में दरार पड़ जाए, उन्हें इस बात की परवाह नहीं है। जाहिर है कि ऐसा बयान आलाकमान के इशारे पर ही जारी किया गया होगा। ‘आप’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने दिल्ली में कहा है कि अरविंद केजरीवाल को गठबंधन का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए। गौरतलब है कि आप पार्टी दो राज्यांे-दिल्ली व पंजाब में सरकार चला रही है। उधर, मुंबई में शिवसेना (उद्धव गुट) की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेद्धी का कहना है कि अगर प्रियंका कक्कड़ अरविंद केजरीवाल का नाम उछाल रही हैं, तो प्रियंका चतुर्वेदी प्रधानमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे का नाम आगे कर रही हैं। जबकि शिवसेना, उद्धव गुट किसी राज्य में फिलवक्त सरकार में नहीं है। यही नहीं, सपा प्रवक्ता ने पीएम पद के लिए अखिलेश यादव का नाम आगे कर दिया है। इसी तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पाटी के नेताओं ने शरद पवार को, तो जनता दल-यू के नेताओं ने नीतीश कुमार को सर्वमान्य और अनुभवी नेता के रूप में पेश किया है। इन नेताओं में केवल नीतीश कुमार बिहार के सीएम हैं, अखिलेश यादव के सपा का जनाधार केवल यूपी और शरद पवार का जनाधार कमोबेश महाराष्ट्र तक सीमित है। उधर, गठबंधन का सबसे बड़ा दल, जिसका चार राज्यांे में पूर्ण बहुमत की सरकारें है और तीन राज्यों मे ंगठबंधन सरकारों में शामिल है, प्रधानमंत्री के लिए राहुल गांधी का नाम सबसे पहले आगे कर चुकी है। कांग्रेस का तो एकमात्र लक्ष्य भी यही है। छग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राहुल गांधी का नाम आगे करने में अग्रणी नेता हैं। कांग्रेस के कई नेता तो यहां तक कह चुके हैं कि नरंेद्र मोदी को कोई चुनौती दे सकता है, तो वो केवल और केवल राहुल गांधी। पर, गहन समस्या यह कि राहुल गांधी को कई विपक्षी नेता गठबंधन के नेता के रूप में स्वीकारेंगे, इसमें संदेह है। इसमें ममता बनर्जी सबसे आगे हैं। वे राहुल गांधी को बीजेपी का टीआरपी करार पहले ही दे चुकी ंहैं। यही वजह है कि ममता बनर्जी के करीबी फिरहाद हाकिम और तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने प्रधानमंत्री पद के लिए ममता बनर्जी को आदर्श उम्मीदवार माना है। यही नहीं, राजद सुप्रीमो और जमानतधारी लालू प्रसाद यादव राहुल गांधी को पटना, बिहार की बैठक में ‘दूल्हा’ बनाने की गूढ़ बातें कह चुके हैं। जबकि यही लालू प्रसाद अंदर से यही चाहते हैं कि पीएम नीतीश कुमार बनें और उसका बेटा तेजस्वी यादव बिहार का सीएम। प्रधानमंत्री पद के लिए यह घमासान जगजाहिर हो चुका है। अभी सीटों के बंटवारे में कैसा बावेला मचता है, देखना यही बाकी है; क्योंकि अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी किसी कीमत पर भी सीटों के बंटवारे के मामले में अपने-अपने राज्यों में समझौते के मूड में नहीं हैं? इसीलिए कहा जा रहा है कि अभी खिचड़ी पकी नहीं है। उसको पकने के लिए इन सब पार्टियों व गठबंधन के साथियों को समय देना ही चाहिए। --00-- अनुरोध है कि पढ़ने के उपरांत रचना/लेख को लाइक, कमेंट व शेयर जरूर कीजिए।