मोती लाल साहु 15 Dec 2023 आलेख अन्य मनुष्य जीवन की सार्थकता नियति-ए-नियता- को जानने में है 10206 0 Hindi :: हिंदी
प्रकृति- स्वयं क्रियाशील है, पुष्पित है पल्लवित है हम अंश- जीव स्वत: ही, प्रकृति में पुष्पित पल्लवित हैं नियति-ए-नियता- को जानना यहीं जीवन, का सर्वोपरि उद्देश्य होना चाहिए शायद मनुष्य जीवन- की सार्थकता या ए-मंज़िल है -मोती