मोती लाल साहु 30 Mar 2023 आलेख समाजिक मां तुझे नमन! 87862 0 Hindi :: हिंदी
मुर्गे की बांक पर- उठ जाती अति भोर, धरती को करती- नमन तब रखती पांव। चल आंगन में- आकाश को करती प्रणाम, फिर झाड़ू-बुहार- बर्तन करती साफ।। कर स्नान तुलसी- सूरज को चढ़ाती जल, लक्ष्मी है कहती- गाय को खिलाती गुड़। आरती-धूप से- पूजती हर घर-द्वार, सबको उठाती- जगाती हाल पूछती।। बज गए सुबह के- छ: जुटती रसोई में, भोजन ऐसे बनता- भगवान का हो भोग। अपार श्रद्धा से- परोसाती-खिलाती, अमृत रस से- भरा होता हर निवाला।। हृदय में बसी है- तुम्हारे प्यार का एहसास, मां तुझे नमन! -मोती