Disha Shah 26 May 2023 आलेख समाजिक 5240 0 Hindi :: हिंदी
आज के समय में ज्यादातर लोगो के अंदर मन की चांचलताए होती है जिससे उसको अच्छी चीजों में रूचि लगती ही नहीं है कहेने का मतलब ये है की किसी को भी अच्छी आदतों में रुचि नहीं होती है 95% लोगो के अंदर मन की चांचलताए होती है जिससे इंसान चाह के भी अच्छी आदतों को अपनी जिंदगी में नहीं ला पाता है जहा मन की चांचलताए में बुरी आदते होती है इसमें इंसान को आलसीपन होता है , समय को बर्बाद करने में रुचि होती है , लोगो के साथ गपे लड़ाना ,फालतू की बाते करना , लोगो की चुगली करना , ये सब चीज बोहोत पसंद करते है ऐसे लोगो के अंदर बुराई खून खून में होती है . एडिक्शन के शिकार भी होते है और एडिक्शन कही तरह का होता है , अल्कोहलिक एडिक्शन , घुम्रपान , ड्रग्स एडिक्शन , मोबाइल एडिक्शन होता है . जिससे इंसान की जिंदगी बर्बाद हो जाती है और बात जब अच्छी आदत की होती है तब अच्छी आदत में सिर्फ 5% लोग ही इस आदत को अपनाते है इसमें शारीरिक परिश्रम को बोहोत मानते है जैसे योग , ध्यान , मानवता , लोगो की मदद करना बिना स्वार्थ से , दया ,करुणा ,जिंदगी में आगे बढ़ना ,समय को महत्व देना , होता है और इन अच्छी आदतों से ही इंसान कहा से कहा तक आगे बढ़ जाता है जिसका उससे अंदाजा ही नहीं होता है . इसीलिए जिंदगी में यदि सुखी और सफल होना है तब अच्छी आदतों को अपनी जिंदगी में अपनाना ही होता है .