मोती लाल साहु 30 Mar 2023 आलेख समाजिक इस घोर कलियुग में एक तरफ माया-मोह का झुठा रिश्ता है, तो दूसरी तरफ उस अविनाशी से रिश्ता है। सब कुछ इसी शरीर में है। 10527 0 Hindi :: हिंदी
ये नज़दीकियां सब खास से। टटोला है रिश्ते खास को।। मतलबे इश्क करते हैं सब। पान के सम खाते होठ लाल।। पीक फेकते खून सा लाल। घोर कलियुग का तो है यह हाल।। हर आम और खास का। हर रिश्ता है लहू-लुहान।। माया-मोंह की नींद से जाग ले बंदे। हृदय मंदिर में कर ले पूजा।। सद्गुरु साईं पूर्ण चेतन पुजारी वहां। भर ले झोली अपना।। एक रिश्ता सच्चा। हर आम और खास का जगत में।। हर एक शख्स के रहता मन मंदिर में। बिना साज-आवाज के सुनाता है संगीत।। नूर ऐ हूर है वह मेरे आका। अमृत कलश भर तेरा ही बांट जोहता।। मोती-