Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

कभी चलते नहीं देखा....

मोती लाल साहु 30 Mar 2023 आलेख समाजिक कभी चलते नहीं देखा, सांसों की हवा में मिट्टी को रोते हंसते देखा। चार कंधों के बोझा को मिट्टी में मिलते देखा, इस कायनात को अनवरत चलते देखा। 4892 0 Hindi :: हिंदी

कभी चलते नहीं देखा!

सांसों की- 
हवा में मिट्टी,
को रोते हंसते देखा

चार कंधों-
के बोझा को,
मिट्टी में मिलते देखा

इस-
कायनात को,
अनवरत चलते देखा

इसके अलावे-
कुछ भी नहीं देखा

कभी चलते नहीं देखा!
-मोती

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

किसी भी व्यक्ति को जिंदगी में खुशहाल रहना है तो अपनी नजरिया , विचार व्यव्हार को बदलना जरुरी है ! जैसे -धर्य , नजरिया ,सहनशीलता ,ईमानदारी read more >>
Join Us: