मोती लाल साहु 30 Mar 2023 आलेख समाजिक कभी चलते नहीं देखा, सांसों की हवा में मिट्टी को रोते हंसते देखा। चार कंधों के बोझा को मिट्टी में मिलते देखा, इस कायनात को अनवरत चलते देखा। 4892 0 Hindi :: हिंदी
कभी चलते नहीं देखा! सांसों की- हवा में मिट्टी, को रोते हंसते देखा चार कंधों- के बोझा को, मिट्टी में मिलते देखा इस- कायनात को, अनवरत चलते देखा इसके अलावे- कुछ भी नहीं देखा कभी चलते नहीं देखा! -मोती