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देवी देवताओं की परिक्रमा

Karan Singh 30 Mar 2023 आलेख धार्मिक Ram/जय श्री राम/धार्मिक महत्व/सपनों का सौदागर.... करण सिंह/ Karan Singh/छत्रपति शिवाजी महाराज की महानता/देवी देवताओं की परिक्रमा/ 16820 0 Hindi :: हिंदी

देवी देवताओं की परिक्रमा

संकलनकर्ता- सपनों का सौदागर.... करण सिंह


शास्त्रों  में देवी देवताओ की परिक्रमा करने का विशेष महत्त्व है । शास्त्रो में यह बताया गया है कि, देवी देवताओं की परिक्रमा करने की संख्या भी अलग अलग होती है ।

इसी क्रम  में शिवलिंग की परिक्रमा करने का भी अलग उपाय है तथा, परिक्रमा करते समय कुछ बातो का ध्यान रखना भी आवश्यक है ।

हिन्दू देवी देवताओ की जहाँ पूरी परिक्रमा करने का विधान है वहीं, ऐसा माना गया है की शिवलिंग  की आधी परिक्रमा करनी चाहिए ।

शास्त्रो के अनुसार भगवन विष्णु की या मंदिर की चार परिक्रमा नियत है,
गणेश जी की तीन परिक्रमा व,
देवी की एक परिक्रमा नियत है वहीं,

★देवी देवताओं की परिक्रमा
संकलनकर्ता- सपनों का सौदागर.... करण सिंह★

शिवजी की आधी परिक्रमा का विधान माना गया है :—

शिवजी की आधी परिक्रमा करने का विधान है, वह इसलिए कि, शिव जी के सोमसूत्र को लांघा नहीं जाता है। जब व्यक्ति आधी परिक्रमा करता है तो, उसे चंद्राकार परिक्रमा कहते हैं। शिवलिंग को ज्योति माना गया है और उसके आसपास के क्षेत्र को चंद्र।

“अर्द्ध सोमसूत्रांतमित्यर्थ: शिव प्रदक्षिणीकुर्वन सोमसूत्र न लंघयेत इति वाचनान्तरात।”

सोमसूत्र :

शिवलिंग की निर्मली को सोमसूत्र भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, शंकर भगवान की प्रदक्षिणा में सोमसूत्र का उल्लंघन नहीं करना चाहिए, अन्यथा दोष लगता है।
सोमसूत्र की व्याख्या करते हुए बताया गया है कि भगवान को चढ़ाया गया जल जिस ओर से गिरता है, वहीं सोमसूत्र का स्थान होता है।

★देवी देवताओं की परिक्रमा
संकलनकर्ता- सपनों का सौदागर.... करण सिंह★


ऐसा माना जाता है की जलधारी अद्धुत दैविय ऊर्जा  का भंडार एवं कई अलौकिक शक्तियों  का केंद्र  माना गया है । इसलिए उस जलधारी को लांघना नहीं चाहिए

शास्त्रों में अन्य स्थानों पर मिलता है कि, कुछ परिस्थितियों में, तृण, काष्ठ, पत्ता, पत्थर, ईंट आदि से ढंके हुए सोमसूत्र का उल्लंघन करने से दोष नहीं लगता है,

लेकिन ‘शिवस्यार्ध प्रदक्षिणा’ का मतलब शिव की आधी ही प्रदक्षिणा करनी चाहिए।

किस ओर से परिक्रमा : भगवान शिवलिंग की परिक्रमा हमेशा बाईं ओर से शुरू कर जलाधारी के आगे निकले हुए भाग यानी जलस्रोत तक जाकर फिर विपरीत दिशा में लौटकर दूसरे सिरे तक आकर परिक्रमा पूरी करें।

★देवी देवताओं की परिक्रमा
संकलनकर्ता- सपनों का सौदागर.... करण सिंह★


शिवलिंग को, स्वयं को, सृजन का प्रतीक माना गया है, तथा हर मनुष्य को जो ऊर्जा प्राप्त होती है, वह इसी शिवलिंग से होती है इसीलिए,
शिव पूजा व परिक्रमा में आधी परिक्रमा कर आस्था व निष्ठा का पूरे विधान से पालन करना चाहिए।

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