Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

छग में किशोर साहू स्मृति राष्ट्रीय एवं राज्य-स्तरीय फिल्म अलंकरण

virendra kumar dewangan 30 Mar 2023 आलेख अन्य Award 33741 0 Hindi :: हिंदी

छग के राजनांदगांव निवासी एवं सुप्रसिद्ध फिल्म निर्देशक (नदिया के पार) स्वर्गीय किशोर साहू की स्मृति में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्ष 2018 से राष्ट्रीय एवं राज्य-स्तरीय सम्मान की शुरूआत की गई है। 
किषोर साहू का जीवन-परिचयः श्री साहू की पढ़ाई राजनांदगांव में स्टेट हाईस्कूल से हुई थी। उन्होंने आरके नारायण के उपन्यास गाइड पर देव आनंद द्वारा बनाई गई फिल्म गाइड में एक पुरातत्ववेत्ता और फिल्म की नायिका वहीदा रहमान के पति की भूमिका का निर्वहन किया था। उनका यह किरदार ‘मार्को’ काफी लोकप्रिय और चर्चित हुआ था, जिसे देखने के लिए छत्तीसगढ़ के सिनेप्रेमी खासकर उनको चाहने व जाननेवाले बार-बार टिकट खरीदकर गाइड देखा करते थे और उनके अभिनय की तारीफ खुलेदिल से किया करते थे। गाइड को देखकर छत्तीसगढ़ के कई युवाओं में अभिनेता-अभिनेत्री व अदाकार-अदाकारा बनने की ललक जागी थी। 
	किशोर साहू ने ‘जीवन प्रभात’ फिल्म में अपने समय की सबसे मशहूर अदाकारा देविका रानी के साथ मुख्य अभिनेता के रूप में अभिनय किया था। यही नहीं, फिल्म ‘वीर कुणाल’ के उनके अभिनय को देखकर तत्कालीन गृहमंत्री वल्लभभाई पटेल ने उनके अभिनय को खूब सराहा था, इस फिल्म में उनकी अभिनेत्री शोभना समर्थ थी। उनकी फिल्म ‘मयूर पंख’ की शूटिंग राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र कान्हा-किसली में हुआ था। इस फिल्म को कान्स फिल्म फेस्टिवल मे ंदिखाया गया था, जिसमें एक फ्रेंच अभिनेत्री ने अभिनय का जलवा दिखाया था।
	तभी तो छत्तीसगढ़ फिल्म अलंकरण प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने कहा कि किशोर साहू ने अपने आत्मकथा में लिखा है कि राजनांदगांव जैसी सुंदर, सौम्य संस्कारधानी नगरी कहीं नहीं देखी। उन्होंने आगे यह भी कहा कि दिलीप कुमार और कामिनी कौशल को लेकर बनाई गई उनकी फिल्म ‘नदिया के पार’ में जिस नांदघाट की घटना का वर्णन है, वह राजनांदगांव ही है। इस फिल्म में पहली बार छत्तीसगढ़ की संस्कृति नजर आई थी और छत्तीसगढ़ की संस्कृति की पहचान करानेवाले पहले फिल्मकार किषोर साहू ही थे।
इस अलंकरण के तहत हिंदी और छत्तीसगढ़ी सिनेमा में निर्देषन और सुदीर्ध कला-साधना के लिए पहला राष्ट्रीय अलंकरण अंकुर, निषांत, मंथन और भूमिका जैसे सफल फिल्मों के नामचीन निर्देशक व पद्मभूषण श्याम बेनेगल को  प्रदाय करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत 10 लाख रुपये की सम्मान निधि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदाय किया जाएगा।
श्याम बेनेगल द्वारा प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पुस्तक डिस्कवरी आॅफ इंडिया पर बनाया गया सीरियल ‘भारत एक खोज’ काफी चर्चित था। उन्हें 2005 में हिंदी सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान दादासाहब फाल्के अवार्ड दिया गया। उन्हें सर्वोत्तम फिल्मों के लिए सात बार नेषनल फिल्म अवार्ड प्रदान किया जा चुका है। उनकी फिल्म ‘मंथन’ गुजरात में अमूल के रूप में सहकारी आंदोलन द्वारा दुग्ध-उत्पादन पर आधारित थी। इसके निर्माण के लिए 5 लाख किसानों ने दो रुपये जमाकर 10 लाख रुपये फिल्म निर्माण के लिए दिए। भारत के प्रसिद्ध कलाकार नसीरूद्धीन शाह, ओमपुरी, स्मिता पाटिल, शबाना आजमी, अमरीश पुरी, कुलभूषण खरबंदा की पहचान दिलाने में श्याम बेनेगल का प्रमुख योगदान है।
	इसी तरह हिंदी और छत्तीसगढ़ी सिनेमा में रचनात्मक लेखन, निर्देशन, अभिनय और पटकथा लेखन के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए ‘किषोर साहू स्मृति राज्य स्तरीय सम्मान’ की स्थापना 2018 में की गई है। पहला राज्य-स्तरीय किशोर साहू सम्मान छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक मनोज वर्मा को देने का निर्णय लिया गया है। इस सम्मान के लिए उन्हें प्रशस्तिपत्र एवं 2 लाख रुपए नकद सम्मान निधि प्रदान की जाएगी। 
				--00--
अनुरोध है कि लेखक के द्वारा वृहद पाकेट नावेल ‘पंचायत’ लिखा जा रहा है, जिसको गूगल क्रोम, प्ले स्टोर के माध्यम से writer.pocketnovel.com पर  ‘‘पंचायत, veerendra kumar dewangan से सर्च कर और पाकेट नावेल के चेप्टरों को प्रतिदिन पढ़कर उपन्यास का आनंद उठाया जा सकता है तथा लाईक, कमेंट व शेयर किया जा सकता है। आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

किसी भी व्यक्ति को जिंदगी में खुशहाल रहना है तो अपनी नजरिया , विचार व्यव्हार को बदलना जरुरी है ! जैसे -धर्य , नजरिया ,सहनशीलता ,ईमानदारी read more >>
Join Us: