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आर्थिक आधार पर गरीब सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण

virendra kumar dewangan 30 Mar 2023 आलेख राजनितिक Reservation 22517 0 Hindi :: हिंदी

	
एससी, एसटी और ओबीसी को छेड़े बिना मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों, जिसमें ब्राह्मण, ठाकुर, राजपूत, कायस्थ, जाट, गूजर, बनिया, मुस्लिम और इसाई आदि को 10 फीसद आरक्षण देने के लिए 124वें संवैधानिक संशोधन बिल दोनों सदनों में पारित करवाया। 
यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत् किया गया है, जिसमें राज्यों की विधानसभा से पारित करवाने की जरूरत ही महसूस नहीं हुई। 
संशोधन बिल में राष्ट्रपति की मंजूरी की औपचारिकता भर थी, जिसे पूरा कर लिया गया। नये प्रावधान में ओबीसी के समान ही आर्थिक पिछड़ेपन की परिभाषा रखी गई है। 
अर्थात 08 लाख रुपये से कम सालाना आय हो, 1000 वर्गफीट से कम का घर हो, 05 एकड़ से कम जमीन हो, अधिसूचित नगरीय क्षेत्र में जिनके पास 109 गज का प्लाॅट हो या गैर अधिसूचित क्षेत्र में 209 गज का प्लाॅट हो। 
विदित हो कि अभी केंद्र में अनुसूचित जाति को 15 फीसद, अनुसूचित जनजाति को 7.5 फीसद और अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसद-कुल 49.50 फीसद आरक्षण का प्रावधान है। 
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसद आरक्षण की सीमा निर्धारित कर रखी है, लेकिन यह आरक्षण, अनारक्षण में-से 10 फीसद होगा, जो आर्थिक आधार पर रहेगा। 
सरकार ने गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला सिन्हो आयोग की रिपोर्ट के आधार पर किया है। सेवानिवृत्त मेजर जनरल एसआर सिन्हो की अध्यक्षता में 2006 में आयोग का गठन किया गया था। 
इसने 22 जुलाई 2010 को रिपोर्ट दी थी, जिसमें सामान्य जातियों के गरीबों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण देने की सिफारिश की थी।
आर्थिक आधार पर आरक्षण देनेवाला गुजरात पहला राज्य 
केंद्र के बाद गुजरात ऐसा पहला राज्य बन गया है, जो आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में 14 जनवरी 2019 से अनारक्षित कोटे से 10 फीसद आरक्षण देने जा रहा है। 
आरक्षण नियम उन भर्तियों में भी लागू होगा, जिनकी अभी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है तथा जिन भर्तियों के लिए लिखित, मौखिक और कम्प्यूटर परीक्षा ली जा चुकी है, उनपर यह नियम लागू नहीं होगा। इससे अलावा अन्य राज्य भी गुजरात के नक्शेकदम पर चल पड़े हैं।
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अनुरोध है कि लेखक के द्वारा वृहद पाकेट नावेल ‘पंचायत’ लिखा जा रहा है, जिसको गूगल क्रोम, प्ले स्टोर के माध्यम से writer.pocketnovel.com पर  ‘‘पंचायत, veerendra kumar dewangan से सर्च कर और पाकेट नावेल के चेप्टरों को प्रतिदिन पढ़कर उपन्यास का आनंद उठाया जा सकता है तथा लाईक, कमेंट व शेयर किया जा सकता है। आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी।

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