Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें
बदली झुकी पर्वत पर,भँवरे चमन में डोले। मोसम है मिलन का,बुलबूल फूलों से बोले। ये वक्त नहीं है इन्तजार का, ओ साथी मेरे_ तूँ कमसिन read more >>
आजकल रात भर, नींद आती नहीं। एक पल के लिए, याद जाती नहीं। जीना तेरे बिन, दुश्वार हो गया_ दूजा कोई भी, शक्ल भाती नहीं।। (स्वरचित मौलिक) संद read more >>
बदली झुकी पर्वत पर,भँवरे चमन में डोले। मोसम है मिलन का,बुलबूल फूलों से बोले। ये वक्त नहीं है इन्तजार का, ओ साथी मेरे_ तूँ कमसिन read more >>
तुम गीत हो मेरी , तुम्हें गा रहा हूँ में तुम प्रीति हो मेरी ,ये बतला रहा हूँ में जमाने को मोहब्बत का, किस्सा सुना रहा हूँ में read more >>
नियमों का पालन भी करती है मधुशाला , आगे दरवाजे पर ताला पीछे मिलती है हाला । .. I read more >>
Join Us: