Karuna bharti 30 Mar 2023 शायरी समाजिक 61603 0 Hindi :: हिंदी
सुकु की चाहत मे, हर कोई भटकता है जब की खुशीयाँ, कही और नही,आस- पास ही रेहता है ✍✍❤❤✍✍👌👌💯💯
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