Baba ji dikoli 24 Feb 2024 शायरी समाजिक शेर/शायरी/गजल/कविता/साहित्य/उपन्यासः/गीत/sangeet 5148 0 Hindi :: हिंदी
यु मत खोलो जो दिल में छुपा है उस राज को; पुरानी किताब में ही दफ़न रहने दो उस गुलाब को। में भूल चुका हूँ एक छत के नीचे बिताई उस रात को अब तुम भी भूल जाओ उस पुरानी बात को...। ✍️@baba ji dikoli