Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

फिदरत

Raj Ashok 30 Mar 2023 शायरी हास्य-व्यंग 13434 0 Hindi :: हिंदी

जो सच था। वो सिर्फ दिल मे था। 
           जुबाँ ,पे यकीनन  । झूठ था। 
इन्सान  कि फिदरत थी , किस्मत का लेख
        क्या, बदला ,कुछ नहीं ।
          

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

मेरे नजर के सामने तुम्हारे जैसे बहुत है यहीं एक तू ही हो , मोहब्बत करने के लिए यह जरूरी तो नहीं read more >>
मीठी-मीठी यादों को दिल मैं बसा लेना जब आऐ हमारी याद रोना मत हँस कर हमें अपने सपनों मैं बुला लेना read more >>
Join Us: