Rupesh Singh Lostom 28 Apr 2023 शायरी अन्य क्या तू सच में हैं 7331 0 Hindi :: हिंदी
क्या तू सच में हैं कहा हवाओं में या फिजाओं में या फिर तमनाओ में क्या तू सच में हैं मैं सोचता हूँ पर कहा क्यों कैसे किस लिए तू हैं तो जरूर पर क्यों क्या तू सच में हैं सपने में अति हैं रात साथ बिताती हैं सुबह तन्हाई में छोड़ जाती हैं क्या तू सच में हैं मैं अक्सर पा लेता हूँ तुझे जब नींद में होता हु बतिया लेता हु तुझ से मगर ये तो बता क्या तू सच में हैं मैं रोज खो देता हूँ सपना टूटते ही यादें भुला देता हूँ पर तुझे नहीं भूल पता क्या तू सच में हैं