Ujjwal Kumar 28 Jun 2023 कविताएँ बाल-साहित्य Chilhood 8704 0 Hindi :: हिंदी
मासूमियत भरे चेहरे के पीछे एक शैतान हुआ करता था, और वो शैतान भी कितना नादान हुआ करता था, अपनी छोटी छोटी शरारतो से सबको परेशान किया करता था, पर उन शरारतों से भी वो सबको खुश कर दिया करता था, बेधड़क अपनी हर बात कहा करता था, पर जरा सी ऊंची आवाज से भी डरा करता था, खेल कूद तो सारा दिन किया करता था, फिर भी जाने क्यों किताबो से डरता था, यूं तो हर किसी से झगड़ा करता था, पर सच कहूं तो वो सबसे प्यार भी बहुत करता था, जाने वो शैतान कहां खो गया है, वो बचपन जाने कहां गुम हो गया है। ✍उज्जवल कुमार