Rambriksh Bahadurpuri 24 May 2023 कविताएँ समाजिक #Rambriksh Bahadurpuri #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #Rambriksh Bahadurpuri kavita #kavi rambriksh Bahadurpuri #Ambedkar Nagar poetry #vishva bandhutva per kavita 11510 0 Hindi :: हिंदी
विश्व बंधुत्व चले हाथों में हाथ , लेके बताने बंधुत्व भावना को , सबमें जगाने बांटते हो क्यों आपसी, प्यार को चाहते हो क्यों छुपाना , हार को सत्य के पथ पर चलें हम,एक हो बंधु सम रिस्तें सभी के , नेक हो, कामना बंधुत्व का, मन में सजाने बंधुत्व भावना को , सबमें जगाने। सारी सृष्टि ही बनी जब, एक है फिर क्यों, हिन्दू कोई क्यों, शेख है है अलग गर धर्म भी तो ,क्या हुआ मानव से और बड़ा भी , क्या हुआ जाति धर्म रंग भेद, आओ मिटाने, बंधुत्व भावना को , सबमें जगाने। सबको अपना कह, धरती, पुकारे फिर हम, क्यों न समझते हैं ,इशारे एक ही पानी , हवा भी , है यहां है तनिक ना भेद आपस, में जहां लोक मंगल कामना, मिलकर मनाने बंधुत्व भावना को , सबमें जगाने। गैरों का गर हित , सोंचे, यहां पर प्रेम को प्रीति से , सींचें, यहां पर विश्व कुटुम्ब है हमारा , आज भी हम रहें मिलकर हमें हो ,नाज भी गुनगुनाएं प्यार से, मिलकर तराने बंधुत्व भावना को , सबमें जगाने। रचनाकार - रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर उत्तर प्रदेश 9721244478
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...