कवि सुनील नायक 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत विरह वेदना पर दोहे राजस्थानी भाषा में कवि सुनील कुमार नायक 17117 0 Hindi :: हिंदी
(1)बैरण बादळी मत बरसै,म्हारौ पिवजी बसे परदेश। पिवजी बेगा आवजो,हिवङै मे करुं कलेश।। (2)सावण सुखो जाय पियाजी,कद आओ म्हारै देस। गौरी तङपै एकली,पिया सुख है लवलेश।। (3)सावन की बदरिया,बैहरण बिजळी। पपइया पिव-पिव करै,दर्द घणैरा होय पियाजी।। (4)जिय न लागै थारै बिना पिया,हरदम रहूं उदास। न जानै कब बुझैगी,पिव मिलन कि प्यास।। (5)कहनै कह सकूं पिया,मन अपणै री बात। थाँ तक न आ सकूं पिया,नारी म्हौरी जात।। (6)विरह वेदना विषहणी,डस रही दिन-रात। पिया बैगा आयजो,इणपै मारौ लात।। (7)पिया आप कद आवसो,सुनी पङी म्हारी सैज। कागद स्याही निठ गैई,भेज-भेज संदेश।। (8)म्हारी अंखियाँ धूंधली हौय गैई,डगर जौती जौती। कद आवो जी म्हारै देश,म्हारै मारवाङ रा मौती।। (9)झिरमिर झिरमिर मेघा बरसै,काळी घटा घणघौर। विरहणि बैठि ऐकली,मन पीव मिलन कि ओर।। (10)बेगा आओ बालमा,म्हारौ डील मरोङा खाय। फोटू थांरो देखूं जद,नैणा जळ भर जाय।। (11)पिय बिन जिय न लागै, पल-पल याद सताय। बारै निकळनै देखूं तो ,चंदै मे पिव लखाय ।।