Komal Kumari 24 Oct 2023 कविताएँ धार्मिक 7712 0 Hindi :: हिंदी
आई मां दुर्गा सबके घर नौ दिनों के लिए नौ रूपों में अपना आशीष देने आई मां दुर्गा सबके घर.. करते हैं पूजा सभी भक्तजन अपने-अपने समर्थ अनुसार,करते हैं कलश की स्थापना, अखंड ज्योत जलाकर ,आम के पत्तों से करते हैं आगमन ,ज्वर से करते हैं श्रृंगार.. कर मां को स्थापित घर में ,करते हैं नवदुर्गा की पूजा, कर मां को सुहागन का सामान अर्पण लेते हैं सुहागन का आशीर्वाद , आई नवदुर्गा सबके घर.. कहने को यह 9 दिन होते हैं पर सबके दिलों में और चेहरों पर अलग चमक और मुस्कान होती है .. किसी को घूम कर सुकून मिलता है तो कोई आजीविका के लिए काम कर आई मां दुर्गा सबके घर.. दशम दिन मां की विदाई से आंखें सबकी नम होती है,.. यह सोचकर कैसे हम सब तुझे विदा करें ,हम तो मां तेरे ही संतान हैं... मां की भी आंखे हुई नम यहीं विधि का विधान है जो आया है उसे जाना होगा यह कह कर मां मुस्काई.. किया हम मां का 16 श्रृंगार मिठाई खिलाई सिंदूर खेला के समापन से किया हमने मां को विदा... Jai mata di🙏 Jai maa Durga🙏
#Mujhko pasand hai khud Ko hi padhna ek kitab hai mujhmein Jo mujhe aajmati hai. @ham Apne jivan ka...