Anshika yadav 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य Motivation 31033 0 Hindi :: हिंदी
वो बचपन के भी क्या दिन थे सब कुछ ठीक था वो दादा की छड़ी से खेलना दादी के चश्मे से खेलना सबकुछ ठीक था वो मम्मी की डांट खाना कितना अच्छा था सब कुछ ठीक था वो जवानी का भी क्या दिन था सब कुछ ठीक था फिर भी न जाने क्यों कुछ भी ठीक ना था सब कुछ ठीक था