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💐👌कविता-*पता ही नहीं चला !*😒💐👍प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह👌

Karan Singh 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक Ram/जय श्री राम/धार्मिक महत्व/सपनों का सौदागर.... करण सिंह/ Karan Singh/सामाजिक/चुभन/कहानी/गरीब महिला/*🦚कहानी - गधे का रास्ता💐* #प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर...... करण सिंह#/भक्ति/व्यर्थ इच्छा/भक्त रविदास/महाकवि कालिदास/कहानी घर घर की/फिल्मी दुनिया की करतूतें/कहानी🌸*एक कुंवा ऐसा भी!****** प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर...... करण सिंह/भक्ति/भक्त रविदास/*🌳🦚प्रेरक कहानी - खोटा सिक्का💐💐* #प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर........ करण सिंह#/खोटा सिक्का/प्रेरक कहानी* *मस्तराम का खजाना* 💐प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर..... करण सिंह💐/मस्तराम का खज़ाना/💐👌कविता-*पता ही नहीं चला !*😒💐 👍प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह👌/पता ही नही चला/कविता/ 7150 0 Hindi :: हिंदी

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💐👌कविता-*पता ही नहीं चला !*😒💐
👍प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह👌
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*उन सभी को जिन्होंने*
*अपने परिवार के लिए*
*21 से 58 वर्ष कमाने में*
*व्यस्त रहे। आज उनके*
*लिए समर्पित एक*
*छोटी सी रचना*  
भेज रहा हु।🙏*

*कैसे कटा 21 से 58* 
*तक का यह सफ़र,* 
*पता ही नहीं चला ।*😔

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💐👌कविता-*पता ही नहीं चला !*😒💐
👍प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह👌
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*क्या पाया, क्या खोया,*
*क्यों खोया,*
*पता ही नहीं चला !*😒

*बीता बचपन,* 
*गई जवानी* 
*कब आया बुढ़ापा,* 
*पता ही नहीं चला ।*🤔

*कल बेटे थे,* 
*कब ससुर हो गये,* 
*पता ही नहीं चला !*😊

*कब पापा से* 
*नानु और दादु बन गये,* 
*पता ही नहीं चला ।* 😜

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💐👌कविता-*पता ही नहीं चला !*😒💐
👍प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह👌
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*कोई कहता सठिया गये,*
*कोई कहता छा गये,* 
*क्या सच है,* 
*पता ही नहीं चला !*😉

*पहले माँ बाप की चली,*
*फिर बीवी की चली,* 
*फिर चली बच्चों की,* 
*अपनी कब चली,* 
*पता ही नहीं चला !*😀

*बीवी कहती* 
*अब तो समझ जाओ,* 
*क्या समझूँ,* 
*क्या न समझूँ,* 
*न जाने क्यों,* 
*पता ही नहीं चला !*🤷‍♀️
        
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💐👌कविता-*पता ही नहीं चला !*😒💐
👍प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह👌
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*दिल कहता जवान हूँ मैं,*
*उम्र कहती है नादान हूँ मैं,* 
*इस चक्कर में कब* 
*घुटनें घिस गये,* 
*पता ही नहीं चला !*😱

*झड़ गये बाल,* 
*लटक गये गाल,* 
*लग गया चश्मा,* 
*कब बदली यह सूरत* 
*पता ही नहीं चला !*🧖🏽‍♂️

*समय बदला,* 
*मैं बदला* 
*बदल गई* *मित्र-*
*मंडली भी* 
*कितने छूट गये,* 
*कितने रह गये मित्र,* 
*पता ही नही चला*😨

*कल तक अठखेलियाँ*
*करते थे मित्रों के साथ,* 
*कब सीनियर सिटिज़न* 
*की लाइन में आ गये,* 
*पता ही नहीं चला !*😒

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💐👌कविता-*पता ही नहीं चला !*😒💐
👍प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह👌
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*बहु, जमाईं, नाते, पोते,*
*खुशियाँ आई,* 
*कब मुस्कुराई उदास*
*ज़िन्दगी,*
*पता ही नहीं चला ।*😊

*जी भर के जी लो प्यारे*
*फिर न कहना कि ..*

*"मुझे पता ही नहीं चला

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👍प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह👌
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