Deepanjali Maurya 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #googlemera bhart 70753 0 Hindi :: हिंदी
! मेरी सोच, मेरी कलम ! मैं सोचती कुछ और हूँ, मेरी कलम से बयां, कुछ अलग ही, होती है कहानी | मैं चाहती हूँ लिखना, खूबसूरती चांद की, बयां होती है, सर्द रात में बेबस, इंसान की कहानी | मैं चाहती हूँ अदाएँ, बारिश की लिखना, उभार देती हूँ, टपकते झोपड़ी की कहानी | मैं चाहती हूँ लिखना, प्रेमी जोड़े के, परस्पर प्रेम को, उकेर देती हूँ, अर्धनग्न बालक की कहानी | मैं चाहती हूँ बताना, महान, विश्वगुरु भारत को, दर्शा देती हूँ, बेरोजगारी, मंहगाई, अशिक्षा, जातिवादिता से लिप्त, बूढ़े होते देश की कहानी ||