Atul kumar Gupta 04 Apr 2024 कविताएँ देश-प्रेम 5420 0 Hindi :: हिंदी
मैं भारत हूँ.. मैं जात पात से ऊपर, प्रेम की परिभाषा हूँ. भाषाओं का श्रृंगार, युवाओं की अभिलाषा हूँ. मैं भारत हूँ.. मैं नदियों - सागर की माला हूँ.. मैं संस्कारो की पाठशाला हूँ.. मैं भारत हूँ.. मैं भावनाओं का अर्थ हूँ, वीरता का प्रतीक हूँ.. मैं भारत हूँ.. मैं सैनिकों का शौर्य हूँ. किसानों का कर्म हूँ मैं भारत हूँ मैं श्रद्धालुओं का तीर्थ हूँ.. मैं कवियों का गीत हूँ.. मैं गीता का सत्य हूँ.. मैं भगत की चीख हूँ. मैं भारत हूँ. मैं मंदिरो की आरती हूँ. मस्जिद की अजान हूँ गुरूद्वारे की मन्नत हूँ.. चर्च की प्रार्थना हूँ. मैं भारत हूँ.. मैं शक्ति की पूजा हूँ.. मैं प्रयाग का संगम हूँ, मैं कर्मो का पुण्य हूँ.. मैं बनारस का घाट हूँ मैं भारत हूँ.. Atul✍🏻