मोती लाल साहु 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक अनमोल जीवन का सार तत्व, जीवन मुक्ति का सारगर्भित रहस्य 88852 0 Hindi :: हिंदी
सुर कृपा से सब जग-जन, जगे में कोय-जाग। सब जीव उत्तम-मानव, गुण सतज्ञान-विवेक।। अर्थ-चराचर जीव जगत ईश्वरीय कृपा का सकार रुप,मानव सब जीव में उत्तम में से श्रेष्ठ वह है।जो सत्य की खोज को आगे आता है,यह मानवीय गुण है क्योंकि सतज्ञान से ही मानव में विवेक आता है। भुल-भुलैया माया सब, अथाह जगत सागर। नाम जहाज मानव तन, चेतन सब भव पार।। अर्थ-यह संसार माया का सागर,मानव तन जहाज भवसागर से पार होने के लिए।जो चेतन हैं जिन्हें ईश्वर का "नाम" का बोध है,उन्हें जीवन मुक्ति का भेद प्राप्त हो जाता है। शिरोमणि चरण में ज्ञान, रूप दर्शन योग तब। मोती फिरे सांस-सांस, यह जीवन का सार।। अर्थ-संत शिरोमणि सतगुरु के चरण में नतमस्तक हो, आत्मज्ञान प्राप्ति के पश्चात ईश्वर दर्शन का योग भी बनता है। इस जीवन का सार तत्त्व तो,एक-एक श्वास रूपी मोती में छिपा है। मोती-