Rupesh Singh Lostom 03 May 2023 कविताएँ अन्य चला होगा 6300 0 Hindi :: हिंदी
जरूर असूलों पे चला होगा तभी उसके पैरों में छाले हैं दुनिया कहा सरीफ़ों को सराफत से जीने देती हैं देख के लगता हैं वो सारा उम्र लड़ता ही रहा जुल्म से सायद इसीलिए वो समाज से रूठा रूठा खफा खफा रहता हैं