Rupesh Singh Lostom 03 May 2023 कविताएँ अन्य हैं तो हैं 7530 0 Hindi :: हिंदी
हैं तो हैं वो खफा हैं मुझ से अब खफा हैं तो हैं ना दवा देती हैं ना दुआ ही देती जहर भी कहा देती हैं जहर नहीं देती तो नहीं देती खोई खोई रोइ रोइ तन्हाई में भी तन्हा होती हैं भीड़ में अकेले चलती हैं अब चलती हैं तो चलती हैं अकड़ आज भी वैसी हैं सपनो में ही जीती हैं अपनों में गैर हैं सब से बे खौफ वैर हैं अब वैर हैं तो वैर हैं