Rupesh Singh Lostom 09 May 2023 कविताएँ समाजिक गुलाम होता हैं 14290 0 Hindi :: हिंदी
समय के जुगनू एक दिन चमकेगा जरूर तक़दीर के अनमोल सितारा बनके तब ए हि लोग झुक के सलाम करेंगे ! ये तो अच्छा हुआ की वक्त बदल गया समय के छलता हुआ छल समझ गया नहीं तो क्या भरोसा कल का ये तो अच्छा हुआ काल का मुझे मारने का मन बदल गया ! क्या क्या रंग बदलता हैं तक़दीर का बिगड़ता सितारा मुकदर भी मुकदर का ही गुलाम होता हैं !