Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक वैंकुंठ वासी 6337 0 Hindi :: हिंदी
हे घट घट वाशी कृष्ण अविनाशी गोखुल के चित चोर गोपियों संग रास रशैया यशोदा के नन्दलाल देवकी नंदन वासुदेव कंस के तरण हार मीरा के मोहन राधा के कान्हा ब्रज के मखान चोर दया करो गोवर्धन धारी वैंकुंठ वासी सालिक राम हे गिरधरी पूतना मारी द्वारिका धिस जगरनाथ दया करो प्रभु पाप हरो जगत पिता गिरिराज