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प्रेरक कहानी- घोंसला

Karan Singh 13 Sep 2023 कहानियाँ समाजिक *प्रेरक कहानी* *🪷 घोंसला 🪷* 👌प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर.....करण सिंह👌/घोंसला/तीन कुत्ते/बुढिया की सुई/गुड्डू कब मरेगा/महाभारत-रामायण/जय श्री राम/जय श्री कृष्ण/जवान/देशभक्ति/चन्द्रशेखर आज़ाद/BJP/विनम्रता की जीत/कलयुग/भक्त नामदेव/भक्त रविदास/सूरदासजी/हरिवंशराय बच्च्न/मनु स्मृति/मनु भंडारी/मैथलीशरण गुप्त/सपनों का सौदागर/करण सिंह/सपनों का सौदागर करण सिंह/karan singh/ 5378 0 Hindi :: हिंदी

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                   *प्रेरक कहानी*
                  *🪷 घोंसला 🪷*
👌प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर.....करण सिंह👌
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*बच्चों को यह कहानी अवश्य सुनाये*

उमा के घर के पीछे एक  बबूल का पेड़ था। उमा अपने कमरे की खिड़की से उसे देखती रहती थी। एक दिन उसने देखा कि एक चिड़िया बार-बार आ-जा रही है। वह अपनी चोंच में छोटे बड़े तिनके लाती है, उन्हें वह पेड़ की डाल पर रखती जाती है। उमा ने देखा कि एक बड़ा सुंदर घोंसला बनाना शुरू  हो गया है। उसने अपनी माँ से पूछ–माँ! यह चिड़िया कैसा सुंदर घोंसला बना रही है, पर हमारे घर में जो चिड़िया घोंसला बनाती है, वह इतना अच्छा नहीं होता। ऐसा क्यों है? 

माँ ने कहा :– बेटी! पेड़ पर तुम जो घोंसले देख रही हो, वह बया नाम की चिड़िया का है। बया घोंसला बनाने के लिए बड़ी प्रसिद्ध है। इस के घोंसले बड़े ही सुंदर होते हैं। इसका कारण यह है कि यह जी जान से अपने काम में जुटी रहती है। यह अपने काम को पूरी मेहनत और लगन के साथ करती है, इससे इसका काम अच्छा होता है। 

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                   *प्रेरक कहानी*
                  *🪷 घोंसला 🪷*
👌प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर.....करण सिंह👌
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यह कहकर माँ तो रसोई में खाना बनाने चली गई। अब उमा को शरारत सूझी। उसने खिड़की में से एक डंडा डाला। डंडे से धीरे-धीरे  हिला कर घोंसला गिरा दिया। इतने में दाना चुग कर चिड़िया वापस आई, उसने देखा कि घोंसला टूटा पड़ा है। कुछ तिनके बिखर गए हैं, कुछ हवा में उड़ गए हैं। अपनी मेहनत यों बेकार होती देख बया को बड़ा दुख हुआ। वह थोड़ी देर तक चिं-चिं करके रोती रही। फिर सोचा कि रोने से क्या होता है। रोते रहने से तो कोई काम पूरा हो नहीं सकता। इससे अच्छा तो यह है कि मैं दोबारा से ही घोंसला बनाना शुरू करूं। अतः वह फिर अपने काम में जुट गई। 

दूसरे दिन बया जब खाना खाने गई तो उमा ने फिर उसका घोंसला गिरा दिया। उसने यह न सोचा कि इसमें उसे कितनी परेशानी और दुख होगा। दो दिन तक यही होता रहा। बया घोंसला बनाती और उसके जरा हटने पर उमा उसे तोड़ डालती। एक दिन जब उमा घोंसला गिरा रही थी, तो उसकी माँ ने उसे देख लिया।

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                   *प्रेरक कहानी*
                  *🪷 घोंसला 🪷*
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 उन्होंने कहा:- "उमा तुम यह क्या कर रही हो? किसी को सताते नहीं है, किसी के काम को बिगड़ते नहीं हैं ? बया चिड़िया है तो क्या तुम्हारे इस काम से उसे बड़ी कठिनाई होती है। तुम्हें उसकी सहायता करनी चाहिए, उसे तंग नहीं करना चाहिए। मनुष्य हो या पशु पक्षी, किसी को परेशान नहीं करते। 

पर माँ की बात का उमा पर कोई असर नहीं हुआ। जैसे ही वह कमरे के बाहर जाती तो वह डंडा उठाकर घोंसला गिराने लगती। पर बया थी कि बार-बार घोंसला बनाया जाती थी। वह सोचती थी, कभी तो उसकी मेहनत सफल होगी। 

माँ ने देखा उमा गलत काम करती जाती है। वह उसकी बात नहीं मानती। उन्होंने एक उपाय सोचा। माँ ने उमा के सामने उसकी गुड़िया तोड़ डाली। उस गुड़िया को उमा बहुत प्यार करती थी। प्यारी गुड़िया के दो टुकड़े देखकर वह बहुत दुखी हुई। वह फूट-फूट कर रोने लगी। 

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                   *प्रेरक कहानी*
                  *🪷 घोंसला 🪷*
👌प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर.....करण सिंह👌
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माँ ने कहा:- मैं तुम्हारी गुड़िया जोड़ दूंगी पर तब जबकि तुम भी बया का घोंसला बनाकर आओगी। अब तक तो उसका पूरा घोंसला बन जाता। तुमने उसकी मेहनत बेकार कर दी। 

माँ की बात सुनकर उमा दौड़कर कमरे से निकली। उसने अपने घर के बगीचे से तिनके और टूटी घास बीनी। वह पिछवाड़े से निकल कर जल्दी से पेड़ के पास पहुंची। वह सोच रही थी कि मैं अभी मिनटों में घोंसला बनाकर तैयार किये देती हूँ। वह डाल पर तिनके रखती, घास से उन्हें लपेटती  जाति, पर तिनके थे कि डाल पर टिकते ही नहीं थे। वह बार-बार कोशिश करती, पर सब बेकार जाती। अंत में वह खीजकर पेड़ में के नीचे बैठ कर रोने लगी।जिसे वह अपना छोटा सा काम समझ रही थी, वह तो बड़ा कठिन काम निकला। थोड़ी देर बाद उसे लगा कि कोई उसके सिर पर हाथ फिरा रहा है। उमा ने पीछे मुड़कर देखा तो माँ सामने खड़ी थी। 


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                   *प्रेरक कहानी*
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👌प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर.....करण सिंह👌
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वे कह रही थी –"कोई काम बिगाड़ना तो सरल है पर बनाना कठिन होता है। यदि कर सकती हो तो दूसरों की सहायता करो। किसी को न सताओ और किसी और का काम मत बिगाड़ो"। उमा को लगा कि माँ की बात न मानकर उसने कितनी बड़ी भूल की है। अब वह सदैव उनकी हर आज्ञा मानेगी।

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 *पाठकों को ये कहानी पसंद आये तो अन्य पाठकों को भी भेजे* 😊🙏🏻  
         🙏🏻🙏🏻 *आभार* 🙏🏻🙏🏻

शिक्षा-बच्चे देश का उज्ज्वल भविष्य होते हैं उन्हें सही मार्ग पर चलाना उसके माता-पिता की जिम्मेदारी ही नही प्रथम कर्तव्य भी है। 


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                   *प्रेरक कहानी*
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