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*प्रेरक कहानी* 💐*सेर को सवा सेर*💐 #प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर......करण सिंह#

Karan Singh 30 Mar 2023 कहानियाँ समाजिक Ram/जय श्री राम/धार्मिक महत्व/सपनों का सौदागर.... करण सिंह/ Karan Singh/google/सनातन धर्म/स्टोरी/shayari/शायरी/संत रविदास/Ram/जय श्री राम/धार्मिक महत्व/सपनों का सौदागर.... करण सिंह/ Karan Singh/google/सनातन धर्म/स्टोरी/shayari/शायरी/संत रविदास/*🌳🦚प्रेरक कहानी🦚🌳* *💐जमी हुई नदी💐* 👌सपनों का सौदागर....करण सिंह👌/जमी हुई नदी/*प्रेरक कहानी* 👇👇👇 *"पडोसी......* 💐प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर..... करण सिंह💐/पड़ोसी/*🌳🦚प्रेरक कहानी🦚🌳* *💐💐अनोखी साइकिल रेस💐💐* #प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर......करण सिंह#/अनोखी साइकिल रेस/*प्रेरणास्पद कहानी..✍🏻* *काबिलियत की पहचान..* 💐सपनों का सौदागर.......करण सिंह💐/काबिलियत की पहचान/ ●प्रेरक कहानी● *झूठा अभिमान* 💐प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर......करण सिंह💐/झूठा अभिमान/*प्रेरक कहानी* *'स्टील का डब्बा'* 💐सपनों का सौदागर.......करण सिंह💐/स्टील का डिब्बा/*उत्पत्ति एकादशी व्रत कथा:-* 💐प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर......करण सिंह💐/एकादशी व्रत कथा/*प्रेरक कहानी* *पिता पुत्र के प्यार का अंतर* 💐सपनों का सौदागर......करण सिंह💐/पिता पुत्र के प्यार का अंतर/*प्रेरक कहानी* 💐*सेर को सवा सेर*💐 #प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर......करण सिंह#/शेर को सवा शेर/ 8715 0 Hindi :: हिंदी

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*प्रेरक कहानी*
💐*सेर को सवा सेर*💐
#प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर......करण सिंह#
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जंगल में जंगल का कानून चलता था। बड़ी मछली जैसे छोटी मछली को खा सकती है, बिलकुल उसी तरह बड़े जीव छोटों को खा सकते थे। 
ये न भी हो तो हाथी जैसे जीवों के किसी तालाब पर पानी पीने आने पर खरगोश जैसे छोटे जीवों का कुचला जाना संभव था। इसलिए छोटे जीवों का तालाब अलग था। एक छोटे से पोखर पर वो लोग पानी पी लेते, बड़ी झीलों-नदियों की तरफ जाते ही नहीं थे। एक दिन एक गीदड़ को वो छोटा तालाब दिख गया। उसने सोचा कि बाकी मांसाहारियों की तुलना में वो भी तो छोटा है, उसके लिए भी वही पोखर ठीक रहेगा।

एक बार जब गर्मियों में तालाब में पानी कम हुआ तो गीदड़ के हाथ कुछ घोंघे लग लग गए। घोंघे खाकर गीदड़ ने उनके रंग-बिरंगे खोल को कान में कुंडल की तरह लटका लिया। इतने दिनों में उसने देख लिया था कि पोखर पर अधिकांश छोटे शाकाहारी जीव आते हैं। उनपर वो अपनी धौंस भी जमा लेता था। अब जब गीदड़  ने कुंडल पहनना शुरू कर दिया तो उसकी ठसक और बढ़ गयी। वो अपने आप को छोटे जीवों के इलाके का राजा घोषित करने पर तुल गया। राजा के लिए सिंहासन, सम्मान इत्यादि होना चाहिए, इसका इंतजाम भी उसने शुरू किया।

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*प्रेरक कहानी*
💐*सेर को सवा सेर*💐
#प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर......करण सिंह#
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पोखर से ही गीली मिट्टी निकालकर उसने एक पीढ़ा (बैठने का जमीन से थोड़ा ऊँचा आसन) बना लिया। उसके ऊपर उसने आस पास से लम्बी घास नोचकर उसकी रस्सी बांटी और एक गद्दी सी लगा दी। खुद उसपर जा बैठा और पानी पीने आये छोटे जीवों को लगा धमकाने। पोखर को उसने अपना घोषित कर लिया और वहाँ पानी पीने की शर्त ये रखी कि पहले उसकी जयजयकार करनी होगी! 

*सोना के रे पीढ़िया रे पीढ़िया, मखमल मोढल ये!*
*कान दुनु में कुंडल शोभे, राजा बैसल ये!*
(मोटे तौर पर इसका मतलब होता स्वर्ण का पीढ़ा है, जिसपर मखमली गद्दा लगा है। जिसके दोनों कानों में कुंडल शोभा देते हैं, वो राजा उसपर विराजमान है!)

छोटे जीवों के पास तो कोई चारा नहीं था इसलिए वो ये गीत गाते, फिर जाकर तालाब से पानी पीते। एक दिन वहाँ कहीं से एक भेड़िया आ गया। गीदड़ ने उसके सामने भी पानी पीने की वही शर्त रखी। भेड़िये ने एक नजर गीदड़ को ऊपर से नीचे तक देखा फिर गाना शुरू किया –
*माटी के रे पीढ़िया रे पीढ़िया, जुन्ना मोढल ये!*
*कान दुनु में डोका टांगल, गीद्दड़ बैसल ये!*
(मिट्टी का पीढ़ा है, जिसपर घास की रस्सी का गद्दा लगा है। जिसके दोनों कानों में घोंघे टंगे हैं, वो गीदड़ उसपर बैठा है!)
यूँ कहते-कहते भेड़िये ने एक लात मारकर गीदड़ को किनारे लुढ़का दिया और उसका मिट्टी का आसन नोचकर तोड़ डाला! जमीन सूंघते गीदड़ को अपने इधर-उधर गिरे घोंघे समेटने छोड़कर भेड़िया पानी पीने चला। आस-पास खड़े छोटे जीव गीदड़ की कुटाई देखकर मुस्कुराते रहे!


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*प्रेरक कहानी*
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*अक्सर ये कहानी “सेर को सवा सेर मिल ही जाता है” जैसी कहावतें सिखाने के लिए सुनाई जाती है। छोटे बच्चे कहीं “बुल्लीन्ग” (Bullying) न सीख लें, दूसरे अपने से छोटे-कमजोर बच्चों के साथ बदमाशी न करें, इसलिए ऐसी कहानियां सुनाई जाती रही है।*
 बड़े होने के बाद ये कहानी इसलिए याद रखनी चाहिए क्योंकि हर पड़ाव पर ज्यादा समझ वाले , ज्यादा हौसले वाले मिल ही जाते हैं । तो  “सेर को सवा सेर मिलने” वाली कहानी याद रखिये। अकड़ किसी काम की नहीं होती । 
ये आगे की पीढ़ियों को सीख देने वाली लोककथाओं का सिलसिला जारी रहे, बस ।


*प्रेरक कहानी*
💐*सेर को सवा सेर*💐
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*एक निवेदन ---- यदि आप नियमित कहानी पाठक हैँ तो अपने आस पास छोटे बच्चों बुजुर्गों को ये सब कहानियां जरूर बताएँ ताकि सिलसिला बना रहे।*

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*जो प्राप्त है-पर्याप्त है*
*जिसका मन मस्त है*
*उसके पास समस्त है!!*
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*हमारा आदर्श : सत्यता-सरलता-स्पष्टता*
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