REETA KUSHWAHA 30 Mar 2023 शायरी अन्य सब अपने अंदर ही नजर आता है 46646 0 Hindi :: हिंदी
अंदर का सबेरा ,जब जाग जाता है बाहर का दिन भी, तब रात नजर आता है कहीं कुछ भी नही है, इस भीड़ भरी दुनिया में हम जागें, तो सब अपने ही अंदर नजर आता है। ✍️ रीता कुशवाहा ✍️