सब अपने अंदर ही नजर आता है REETA KUSHWAHA शायरी अन्य 2022-07-03 21:37:22 सब अपने अंदर ही नजर आता है 33484
सब अपने अंदर ही नजर आता है
अंदर का सबेरा ,जब जाग जाता है
बाहर का दिन भी, तब रात नजर आता है
कहीं कुछ भी नही है, इस भीड़ भरी दुनिया
में
हम जागें, तो सब अपने ही अंदर नजर आता
है।
✍️ रीता कुशवाहा ✍️