akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग आम आदमी के रिटायरमेंट लाइफ की व्यथा 17159 0 Hindi :: हिंदी
* रिटायरमेंट लाइफ * जब से हम रिटायर्ड हो गये बड़ी मुसीबत में हम पड़ गये दस से पांच की छोड़ नौकरी दिन रात हम काम पे लग गये अब!हम घर पर काम में लग गये बांस ! हमारी पत्नी हो गई कर्मचारी हम उसके हो गये हम उसके अंडर में हो गये लेपटाप और फ़ाइल छूट गये हाथ में झाड़ू पोंछा पड़ गये ए.सी, का आनंद भूल गए गोरे से हम काले हो गये आफिस के वो जोक चुटकुले सुनने अब हमको नहीं मिलते छूट गये सब हंसी फुव्वारे दिन थे कितने प्यारे प्यारे साहब से हम नौकर हो गये सैलरी थी, अब पेंशनर हो गये जेब खर्च के लाले पड़ गए कट चाय के लाले पड़ गये घर के नौकर सभी छूट गये उनके चार्ज हमें सब मिल गये बिना पगार के नौकर मिल गये पत्नी जी के भाग्य खुल गये स्मार्टनेश हम अपनी भूल गये पत्नी के चक्रव्यूह में फंस गये नजरबंद अब ! हम तो हो गये निगरानी में उसकी पड़ गये पेपर तक हम पढ़ नहीं पाते कहती तुम तो मगन हो गये मेरी बात नहीं सुनते हो तुम तो अब बहरे भी हो गये शादी के अपराध की सजा के दिन जैसे शुरू हो गये सुनो सुनो जी दिनभर कहती काम बताती और कराती जब से हम रिटायर्ड हो गये बड़ी मुसीबत में हम पड़ गये शुरू हुई हो गई जब से पेंशन जीवन में टेंशन ही टेंशन ।। रचियता :--अखिलेश श्रीवास्तव जबलपुर
I am Advocate at jabalpur Madhaya Pradesh. I am interested in sahity and culture and also writing k...