Anjani pandey (sahab) 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत ###प्यार की गहराई में डूबती इस्त्रिया## 16869 0 Hindi :: हिंदी
" राग - विरागिनी" मन है चंचल मन है विहवल एक प्रेम रागिनी फिरती है मन में पीड़ा लिए हुए राग- विराग में चलती है.... नहिं चाह उसे अब उसकी नहिं राह अब निहारती है सांस कब अब रुक जाए आ जाओ तुम आस यही अब रहती है मन में पीड़ा लिए हुए राग -विराग में चलती है.... जो घनीभूत पीड़ा थी आंसू बनकर बह गए वह हाड़ मांस की काया भी कंकाल बन कर रह गए वह प्रेम न कम होने पाए विरह वेदना कहती है मन में पीड़ा लिए हुए राग-विराग में चलती है.... अंजनी पांडेय साहब