Ranjana sharma 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत Google 70509 0 Hindi :: हिंदी
नादान था ऎ दिल कुछ समझ न सकें वो किसी और की तारीफ करता रहा हम खुद की तारीफ समझ मुस्कुराते गए। नादान था ऎ दिल कुछ समझ न सकें वो किसी और की तस्वीर दिल में बसाता रहा हम खुद की तस्वीर समझ अपनाते गए। नादान था ऎ दिल कुछ समझ न सकें वो किसी और से प्यार करता रहा हम उसे दिल में जगह देते गए। नादान था ऎ दिल कुछ समझ न सकें वो बेवफ़ाई करता रहा हम वफा निभाते गए। धन्यवाद