Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य वाकी है 15293 0 Hindi :: हिंदी
बहुत वाकी है पाने को एक अलग जाहा वनाने को अभी तो शुरुआत है सफर की मंजिल के आखरी पड़ाव वाकी है वाकी हैं अभी आशमा झुकाने को कुछ समस्याएं सतायेगें विघटनाये रुलायेंगे कठिनाईयां गिराएंगे मुसीबते उलझायेंगे रास्ते थकाएंगे भुलायेंगे लेकिन अभी वाकी हैं सुदृढ़ समाज वनाने को संघर्ष अभी वाकी सशक्त स्वयं को वनाने को