Poonam Mishra 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक समय के साथ परिवर्तन होता रहता है जिंदगी में 61088 0 Hindi :: हिंदी
जिंदगी की राह में समय के साथ जख्म मेरे भर गए अब लौटकर मेरा हाल पूछने ना आना जब जख्म के निशान भी मेरे ना रहे समय के साथ कुछ बदलाव भी जरूरी है अब संबंधों की दुहाई मुझे देने मत आना अब शायद जज्बात मेरे मर गए नहीं रुकती है जिंदगी का यह सफर किसी के जिंदगी से निकल जाने पर जो चले जाते हैं जिंदगी से निकलकर वह शायद दिल से भी उतर कर चले गए स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा