Ajeet 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद जाग रात के जुगनू चोर 27135 0 Hindi :: हिंदी
जाग रात के जुगनू चोर टिम - टिमाना अब छोड़ आ चले अब पश्चिम की और , देख बादलो का मचा हे सोर , चाँदनी का हे धरा पर ज़ोर जाग रात के जुगनू चोर / नभ से बिजली ने दिया नैनो से संकेत , मचा अचानक फिर बूंदों का ज़ोर जाग रात के जुगनू चोर / झोका आया पवन का लेके संदेश हमारा , एसी निकली धूप वशूधा की हवाओं ने मचाया सोर जाग रात के जुगनू चोर / बंद अंधेरों में तड़पना हे नहीं प्राणो का मोल , जीवन में नहीं आया अचानक एसा दोर जाग रात के जुगनू चोर /