Jyoti yadav 26 May 2023 गीत समाजिक जितना सहना था सह चुके हम 6446 0 Hindi :: हिंदी
जितना सहना था सह चुके हम ् की हमे जो कहना था अब कह चुकी हम हो चुकी अब खामोश हम ना किसी से है शिकवा ना सहेंगे सितम पूरी दुनिया से मुंह मोड़ चुके खुद का रिश्ता खुद से ही तोड़ चुके छोड़ चुके हम ऐसी अब यार निशानी तुम्हें याद आएगी हर रोज मेरी कहानी बदल जाएंगे सारे पुराने अब सब कुछ नया होंगे खुश रहो तुम मेरी दुआ होंगे कल तक था जो पास तेरे सब हवा होंगे माना तुझे हद से ज्यादा तो तेरी भी कुछ सजा होंगे जाते जाते यह पैगाम तो ले ले् मेरी आखिरी सलाम तो ले ले बहुत याद आएंगे हम तुझे यह अंजाम तो ले ले मेरी आवाज सुनना तुझे पसंद नहीं है लो अब बोलना छोड़ चुके हम जितना सहना था सह चुके जो कहना था अब कह चुके हम हो चुकी अब खामोश हम ना किसी से शिकवा ना सहेंगे सितम