Raj Ashok 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम 10582 0 Hindi :: हिंदी
एक दिन तो तुम भी "आजादी" का जश्नन मनाते हो। है, वतन के लिए "कुछ" करने की तमन्ना तब, ही "तिरंगा" फहराते हो । चाहें तो, सरहद ,पे चलने ,वालों के निशान देख लों । तिरगें से लिपटे ,वतन के राहगीरों की एक मुस्कान देख लो। वो, जज्बा ही तो, उनहै अलग बनाता है।