Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत भ्रमण 19350 0 Hindi :: हिंदी
चलो कही दूर चले चाँद तारों के सैर करे चलो चले वहां जहां कोई गम न हो न हो दुनिया का डर न कोई ताकने बाला न झाकने बाला न हो कोई झरोखा वस हम हो तुम और खुशियां ही खुशियां न कोई रिवाज़ हो न हो ढोंगी समाज न शादी की रस्मे न वादे न कस्मे न पैरों में बंधन न जकड़ता रिस्तेदार बस हो तो सिर्फ प्यार ही प्यार बस तू और मैं चलो चले हम