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एहसास

Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत एहसास 22376 0 Hindi :: हिंदी

सपने के तरह तू अब टूटने लगी है  
अपनों के तरह तू अब रूठने लगी है 
रात में अब तू भी आती है ख्वाबो में 
अब तू भी मेरा बिस्तर पे रहने लगी है 

मैं अक्सर तुझे अनुभव करता हु 
तेरी अंगड़ाई तेरी बदन के खुशबू 
अब तू भी मेरे सासों में घुलने लगी है 
मैं हर वक़्त हर घड़ि तुझे पा लेता हु 
तू यकीन कर या न कर 
तू हमेशा मुझ में ही रहने लगी है

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