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ख्वाइश

Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #Rambriksh kavita #khwaish per kavita #Ambedkarnagar poetry 63756 0 Hindi :: हिंदी

 कविता -ख्वाइश

सुख जैसे कुछ
पाने की
दुःख जैसे कुछ
खोने की
कुछ खाने कुछ
पीने की
जग में जीवन
जीने की
"ख्वाइश"है। 
नभ में खग सा
उड़ने की
जीवन में कुछ
करने की
सागर सा
लहराने की
नदियों सा बह
जाने की
"ख्वाइश"है। 
सत्य मार्ग पर
चलने की
संघर्षों से
लड़ने की
मातृभूमि पर
मरने की
सीमा पर मर
मिटने की
"ख्वाइश"है। 
बुझते दिया
जलाने की
भटके को राह
दिखाने की
प्यासे की प्यास
बुझाने की
भूखे की भूख
मिटाने की
"ख्वाइश"है
दुनिया जो कहती
कहने दो
बहते हवा सा
बहने दो 
सुन कर मन को 
सहने दो
नैन अश्रु ना
बहने दो
बिन ख्वाइश
जीवन कैसा!
नर हो!जीओ
नर जैसा। 
सपनों को ना
मरने दो 
मन में ख्वाइश
पलने दो
मन का अपने 
करने दो
ख्वाइश खास
बनायेगा
मंजिल तक
पहुंचायेगा। 


रचनाकार- रामवृक्ष ,अम्बेडकरनगर। 

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